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उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव कराने में चुनाव आयोग असमर्थ, बताई ये वजह

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INR (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में आगामी वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने इन राज्यों में चुनाव आयोजित कराने पर असमर्थता जताई है।

Unable to hold assembly elections in Uttar Pradesh Punjab Goa Manipur next year told this reason 1भारतीय निर्वाचन आयोग का कहना है कि ईवीएम असम, केरल, तमिलनाडु, दिल्ली, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल राज्यों में है। इन राज्यों में फंसी ईवीएम के दोबारा प्रयोग की अनुमति के लिए चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

चुनाव आयोग का कहना है कि असम, केरल, दिल्ली, पुदुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम पंगाल में हुए चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) वहीं हैं।

उन्होंने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट उन सभी राज्य के हाईकोर्ट में चुनाव याचिकाओं के दाखिल होने की समय सीमा तय करे, जिससे ईवीएम आगे प्रयोग के लिए मुक्त हो सके।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आयोग द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है, जबकि आने वाले चुनावों के लिए आयोग को इनकी आवश्यकता है।

पीठ ने आयोग का कथन सुनने के बाद इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करने का फैसला लिया।

वरिष्ठ वकील ने मांग की कि असम, केरल, दिल्ली, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों से संबंधित चुनाव याचिकाएं दाखिल करने के लिए एक समयसीमा तय की जाए। पीठ ने कहा, ‘ठीक है हम इस पर अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे।’

बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत को ध्यान में रखते हुए, सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने 27 अप्रैल, 2021 को, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत चुनाव याचिकाओं सहित याचिका दायर करने की वैधानिक अवधि में ढील दी थी।

नतीजतन, कोई भी अभी भी निर्वाचित प्रत्याशी के चुनाव को चुनौती दे सकता है। प्रक्रिया के अनुसार, न्यायिक कार्यवाही में अपने विचार रखने के लिए मतदान पैनल को ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों को संरक्षित करने की आवश्यकता होती है।

 

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