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अरावली की पहाड़ी पर अवैध खनन रोकने गए डीएसपी को डंपर से कुचलकर मार डाला

**हरियाणा के नूंह जिले के तावड़ू उपमंडल में पचगांव पहाड़ी की घटना **मूलरूप से हिसार के रहने वाले डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई इसी साल होने थे रिटायर

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“हरियाणा राज्य में यह पहला मामला है, जब खनन माफिया ने पुलिस में डीएसपी को इस तरह से डंपर तले कुचलकर मार दिया हो…

गुरुग्राम (इंडिया न्यूज रिपोर्टर)। हरियाणा के नूंह जिला के तावड़ू उपमंडल में अवैध खनन माफिया ने तावड़ू के डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की मंगलवार को डंपर तले कुचलकर जान ले ली।

डीएसपी पचगांव क्षेत्र में अरावली पहाड़ी पर अवैध खनन की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे थे। मंगलवार को ही गुरुग्राम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम हैं। ऐसे में इस घटना से गुरुग्राम और नूंह जिला प्रशासन और पुलिस भी सतर्क हैं।

मंगलवार की दोपहर को तावडू पुलिस को पचगांव के पास पहाड़ी में अवैध खनन की सूचना मिली थी। इस सूचना पर डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई तुरंत अपनी टीम के साथ मौके के लिए रवाना हुए।

बताया जा रहा है कि पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे वे दलबल समेत पचगांव की पहाड़ी पर अवैध खनन वाले स्थान पर पहुंचे। उन्होंने खनन माफिया को रोकने का प्रयास किया। अवैध खनन माफिया मौके से फरार होने लगे तो डीएसपी सुरेंद्र सिंह ने उनका पीछा किया।

खनन माफिया के डंपर को रोकने के लिए डीएसपी जैसे ही आगे आए तो डंपर चालक ने उन पर डंपर चढ़ा कर भाग निकला। इससे पहले की डीएसपी के साथी टीम के पुलिसकर्मी कुछ कर पाते, डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की मौके पर ही मौत हो गई।

घटना की सूचना मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने जिला पुलिस मुख्यालय को दी। कुछ ही देर में मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल व आला अधिकारी पहुंचे। तब तक अवैध खनन माफिया और उनके गुर्गे वहां से फरार हो चुके थे।

डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई के साथ मौके पर गए पुलिस कर्मियों ने सारा घटनाक्रम वरिष्ठ अधिकारियों को बताया। खनन माफिया द्वारा इस तरह से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पर डंपर चढ़कर मार देने की घटना आग की तरह तावड़ू क्षेत्र ही नहीं, बल्कि मीडिया, सोशल मीडिया के जरिये देशभर में फैल गई। पुलिस विभाग में भी इस घटना के बाद हड़कंप मच गया।

बताया जा रहा है कि डीएसपी सुरेंद्र सिंह पुलिस सेवा में आने से पहले वीएलडीए यानी पशु चिकित्सक थे। उनकी सेवानिवृत्ति भी इसी वर्ष होनी थी। इस घटना ने अवैध खनन को लेकर फिर से सवाल खड़े किए हैं।

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