नई दिल्ली (इंडिया न्यूज रिपोर्टर)। लोक सभा चुनाव को लेकर विपक्ष को एकजुट करने में जुटे देश के जानेमाने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ मुलाकात की।
खबरों के मुताबिक पंजाब कांग्रेस के दो प्रमुख नेताओं, सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही कलह को लेकर यह चर्चा हुई है।
पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं और पार्टी को चिंता सता रही है कि इस अंदरूनी उठापटक के कारण चुनावों में उसकी संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
पिछले कुछ सप्ताहों में सिलसिलेवार राजनीतिक मुलाकातें करने वाले प्रशांत किशोर बैठक के लिए राहुल गांधी के घर पहुंचे।
खबरों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बातचीत में शामिल हुईं। गांधी परिवार के साथ प्रशांत किशोर की मुलाकात जरूरी नहीं कि किसी राज्य विशेष के लिए हो, बल्कि किसी ”बड़ी रणनीति’ का हिस्सा हो सकती है।
प्रशांत किशोर ने इससे पहले आगामी वर्ष 2024 में भाजपा से मुकाबला करने के लिए एक नए मोर्चे की अटकलों के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी। पवार ने भी माना है कि कांग्रेस के बिना भाजपा के खिलाफ कोई गठबंधन नहीं हो सकता है।
हालांकि इससे पहले कयास था कि राहुल-प्रशांत किशोर की यह बैठक पंजाब में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले पंजाब कांग्रेस के दो प्रमुख नेताओं-सीएम अमरिंदर सिंह और कांग्रेस में ही रहते हुए उनके प्रबल आलोचक नवजोत सिंह सिद्धू के बीच एकराय कायम करने के प्रयासों की पृष्ठभूमि में हुई।
बता दें कि वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले प्रशांत किशोर ने नवजोत सिद्धू को बीजेपी से कांग्रेस में लाने में अहम भूमिका निभाई थी।
राहुल गांधी और प्रशांत किशोर ने पिछली बार वर्ष 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान साथ ‘काम’ किया था, हालांकि इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की थी जो चार घंटे तक चली थी। नवजोत ने प्रियंका के साथ इस बैठक का फोटो ट्वीट भी किया था।
प्रियंका ने ही बाद में नवजोत की अपने भाई राहुल से मुलाकात कराई थी जबकि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने मीडिया से कहा था कि उनका सिद्धू के साथ मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है।
इसके कुछ दिन बाद पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने भी कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात बाद कहा था, ‘मैं सिद्धू साब के बारे में कुछ नहीं जानता। जो भी फैसला कांग्रेस अध्यक्ष लेंगी, हम उसका पालन करेंगे।’
अमरिंदर उस विचार के खिलाफ हैं, जिसमें सिद्धू को पंजाब सरकार या पार्टी संगठन में ‘सम्मानजनक स्थान’ देने की बात है।
तब अमरिंदर सिंह के सीएम बने रहने और सिद्धू को ‘एडजस्ट’ करने के लिए पंजाब कांग्रेस संगठन को नया रूप दिए जाने के फार्मूले पर बात हुई थी।
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