इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क। बीते शनिवार को अपना 72 वां जन्मदिन मना रहे प्रधानमंत्री मोदी ने चीतों को केएनपी के एक विशेष बाड़े में छोड़ दिया। चीते धीरे-धीरे पिंजड़ों से बाहर आते दिखे। इस मौके पर पीएम मोदी अपने पेशेवर कैमरे से चीतों की तस्वीरें लेते हुए भी दिखाई दिए। इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंच पर मौजूद थे।
भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद उन्हें देश में फिर से बसाने की परियोजना के तहत नामीबिया से आठ चीते शनिवार सुबह कुनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे। पहले इन्हें विशेष विमान से ग्वालियर हवाई अड्डे और फिर हेलीकॉप्टरों से श्योपुर जिले में स्थित केएनपी लाया गया।
इन चीतों को ‘टेरा एविया’ की एक विशेष उड़ान में लाया गया है जो यूरोप में चिसीनाउ, मोल्दोवा में स्थित एक एयरलाइन है और चार्टर्ड यात्री और मालवाहक उड़ानें संचालित करती है।
कुनो राष्ट्रीय उद्यान विंध्याचल की पहाड़ियों के उत्तरी किनारे पर स्थित है और 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है। देश में अंतिम चीते की मौत 1947 में कोरिया जिले में हुई थी, जो छत्तीसगढ़ में स्थित है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपना 72वां जन्मदिन प्रकृति के बीच मनाया। उन्होंने इस मौके पर मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 8 चीतों को छोड़ा। इसके बाद उन्होंने इन चीतों की तस्वीरें भी लीं। अलग-अलग एंगल से ली गईं ये तस्वीरें अपने आप में बहुत कुछ कह रही हैं।
दरअसल, पीएम मोदी का वाइल्ड लाइफ से प्रेम किसी से छिपा नहीं है। वह जब भी प्रकृति के बीच जाते हैं तो उनके ही होकर रह जाते हैं।
गौरतलब है कि इन चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट के तहत लाया गया है। इन्हें नामीबिया से लाने के लिए विशेष मालवाहक विमान की व्यवस्था की गई और फिर वहां से ग्वालियर लाया गया। इसके बाद चिनूक हेलीकॉप्टर से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में उतारा गया।
नामीबिया से लाए गए इन 8 चीतों में 5 नर और 3 मादा हैं। पीएम मोदी ने यहां पिजड़े का लीवर दबाकर 3 चीतों को छोड़ा। यहां इन चीतों के लिए क्वारंटीन जोन बनाया गया है। पिंजड़ों को खोलने के बाद पीएम ने कैमरा हाथ में लिया और इन चीतों को उसमें कैद किया।
पीएम मोदी के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और बाकी चीतों को पार्क में छोड़ा। यहां बने क्वारंटीन जोन में एक महीने तक इनकी विशेष निगरानी की जाएगी। इसके बाद जब सबकुछ ठीक होगा तो उन्हें प्रकृति के बीच उसी तरह रहने दिया जाएगा, जैसे वे रहते हैं।
कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने कहा कि चीतों को यहां लाने से भारत की प्रकृति प्रेरणा तेजी से जागृत होगी। इन चीतों के जरिए हमारे जंगल का एक बड़ा शून्य भर रहा है। हमारे यहां बच्चों को चीता के बारे में बताया तो जाता है। लेकिन उन्हें चीता देखना हो तो पता चलता है कि ये हमारे देश से दशकों पहले विलुप्त हो चुके हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत के बच्चे अपने देश में ही चीतों को देख पाएंगे। उन्होंने कहा कि हम दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बने हैं और पर्यावरण संरक्षण भी कर रहे हैं।
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