उपहार सिनेमा, दाल मंडी, अब मुंडका अग्निकांड.. क्यों नहीं रुक रहे इस तरह के हादसे?

नई दिल्ली (INR). दिल्ली के मुंडका इलाके में हुए अग्निकांड ने एक बार फिर दिल्ली को दहला दिया है। लेकिन इसके बावजूद कोई ये दावा नहीं कर सकता कि इस तरह का अंतिम हादसा होगा।

Fire breaks out in CCTV camera warehouse in three storey building 27 dead 12 serious 8इसकी वजह है कि दिल्ली में हजारों की तादाद में ऐसी इमारतें हैं, जहां ऐसे उपाय ही नहीं है कि आग लगे ही नहीं या फिर लगे तो उस पर फौरन काबू पाया जा सके। इसकी एक बड़ी वजह बिल्डिंग निर्माण के दौरान नियमों की अवहेलना।

दिल्ली में उपहार से लेकर दाल मंडी तक के हादसों के बाद कमिटियां बनीं और सिफारिशें भी हुईं लेकिन इसके बावजूद इस तरह के हादसे नहीं रुके।

मुंडका की जिस फैक्टरी में आग लगी, वहां के इंतजामों की हालत ये थी कि बाहर निकलने के लिए एक ही रास्ता था और उसी रास्ते पर जनरेटर लगा था, जिससे आग की शुरुआत हुई।

नतीजा ये हुआ कि लोग बाहर ही नहीं निकल पाए। दिल्ली में ऐसी अनेकों फैक्ट्रियों मिल जाएंगी, जहां ऐसे इंतजाम ही नहीं है कि अगर आग लग जाए तो बाहर निकलने का कोई वैकल्पिक रास्ता हो।

फैक्ट्रियां ही नहीं, दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐसे बिल्डर फ्लैट हैं, जहां चार मंजिला इमारत में उसी जगह बिजली के मीटर लगाए गए हैं जहां से लोग उपर की मंजिलों पर आ या जा सकें।

कई ऐसे फ्लैटस में हादसे हो चुके हैं, जिनमें मीटरों में ही आग लगने से उपर धुआं भर गया। जिससे लोग सीढ़ियों से नीचे आ ही नहीं सके। लेकिन इन हादसों के बावजूद अब तक बिल्डर फ्लैटस में इस चलन को समाप्त करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।Fire breaks out in CCTV camera warehouse in three storey building 27 dead 12 serious 2

आग लगने की घटनाओं की एक वजह ये भी है कि जब इमारतें बनती हैं, उस वक्त अग्निशमन उपायों पर विचार ही नहीं किया जाता। यही वजह है कि दिल्ली में हजारों की संख्या में ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जिनमें न तो अग्रिशमन के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं और न ही बिल्डिंग के नक्शा बनाते वक्त ऐसी व्यवस्था की गई कि आग लगने पर लोगों को बचाया जा सके।

जरूरी है कि दिल्ली फायर सर्विस की अगुवाई में हर जिला स्तर पर ऐसी टीमें बनाई जाएं, जो अपने अपने एरिया की इमारतों की पहचान करके ये सुनिश्चित करें कि उन बिल्डिंगों में ऐसे सेफ्टी इंतजाम हों, जिससे इस तरह के हादसों से बचा जा सके।

इसके साथ ही जब भी बिल्डिंग नियमों में इस तरह से बदलाव किए जाएं कि बिल्डिंग में आग से जब तक बचाव न हों, उसमें रहने या काम करने की इजाजत न मिले।

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