इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के खौफ से पलायन करने पर मजबूर हो चुके हैं। ऐसे में पलायन करने वाले तीन लोगों के सिर पर आसमान में ही मौत आ गई। इनकी मौत के बारे में जानकर आप हिल जाएंगे।
दरअसल, राष्ट्रपति अशरफ गनी के काबुल छोड़ने की खबरें वायरल होते ही काबुल में अफरातफरी मच गई। शहर के हर गली और नुक्कड़ पर हथियारबंद तालिबान दिखने लगे। ऐसे में तालिबान का पहले शासन देख चुके और उनसे खौफजदा लोग काबुल छोड़कर पलायन करने लगे।
हजारों लोग एयरपोर्ट पर इकट्ठा हो गए। जो भी विमान पर सवार हो गया, वो खुशनसीब था। फिर भी ऐसे बदनसीब थे, जिनको विमान में चढ़ने का मौका नहीं मिल सका था। इन्हीं बदनसीब लोगों में से 3 विमान के पहिए यानी लैंडिंग गियर को पकड़कर लटक गए।
जब विमान ने 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी और पायलट ने पहिए अंदर करने शुरू किए, तो तीनों लोग खुद को संभाल नहीं सके। तीनों बदनसीबों का हाथ झटके से छूट गया और वे एयरपोर्ट के बाहर रिहायशी इलाके में जा गिरे।
वैसे इस तरह की अफरा-तफरी का माहौल सिर्फ विमान के बाहर ही नहीं था, ऐसी ही कुछ अफरा-तफरी विमान के अंदर भी देखने को मिली।
दरअसल अमेरिकी वायु सेना का सी-17 ग्लोबमास्टर में कुल लोगों को ले जाने की क्षमता 134 थी, लेकिन इस दौरान विमान ने 800 लोगों को वहां से निकाला। ये वो अमेरिकी थे जो अफगानिस्तान में फंसे थे।
विमान के अंदर 80 लोग पैलेटों पर और साइडवॉल सीटों पर 54 लोग बैठ सकते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाइए कि जिस विमान में महज 134 लोगों को ले जानी की क्षमता हो, उसमें 800 लोगों को किस तरह से ले जाया गया होगा।
वैसे आधिकारिक तौर पर 800 लोगों को ले जाने की अगर पुष्टि हो जाती है तो ये अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू अभियान होगा। अब तक के मिलिट्री विमानों के इतिहास में यह एक रिकॉर्ड होगा।
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