राजनामा .कॉम। ‘एनबीए’ के प्रेजिडेंट और ‘इंडिया टीवी’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा का कहना है कि ब्रैंड और ऐडवर्टाइजर्स ने हमेशा से बैलेंस्ड न्यूज का सम्मान और समर्थन करते हुए कहा है कि ब्रॉडकास्टर्स के साथ-साथ उनके सभी हितधारकों के लिए यही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
शर्मा के अनुसार, किसी भी न्यूज ब्रॉडकास्टर्स के लिए क्रेडिबिलिटी सर्वोपरि है इसके साथ ही यह सबसे महत्वपूर्ण भी है। कंटेंट की क्रेडिबिलिटी के कारण ही लॉकडाउन के बावजूद कुछ न्यूज चैनल्स की व्युअरशिप में काफी इजाफा देखने को मिला।
लॉकडाउन के दो हफ्तों में न्यूज जॉनर की ग्रोथ कोविड-19 से पहले की तुलना में 298 प्रतिशत तक बढ़ गई। यहां तक कि अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान भी न्यूज व्युअरशिप ने विभिन्न भाषाओं के ‘जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स’ के प्राइम टाइम में भी काफी कटौती की।
एनबीए के चेयरमैन के अनुसार, ‘न्यूज में क्रेडिबिलिटी बहुत जरूरी है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम निष्पक्ष और निडर तरीके से संतुलन बनाए रखते हुए तथ्यों को प्रस्तुत करें। गंभीर मामलों में नाटकीयता दिखाना और कल्पना के आधार पर चीजें प्रस्तुत करना काफी गैरजिम्मेदाराना और असंवेदनशील है। बिना किसी का पक्ष लिए ईमानदारी और सच्चाई के साथ सामने रखे गए तथ्यों का हमेशा प्रभाव पड़ेगा।’
ऑब्जेक्टिव न्यूज रिपोर्टिंग किस तरीके से बड़े पैमाने पर मदद कर सकती है, इसका उदाहरण देते हुए शर्मा ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ हुई दरिंदगी और बाद में पुलिस-प्रशासन द्वारा अपनाए गए रुख के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंडिया टीवी की न्यूज रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इस शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।’
इस सवाल के बारे में कि क्या गैरजरूरी ड्रामे की कमी एडवर्टाइजर्स को दूर कर देती है? रजत शर्मा का कहना है कि यदि टैम नंबर्स की बात करें तो ऐड रेवेन्यू के मामले में न्यूज जॉनर ने सबसे ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है।
टैम डाटा के अनुसार, अगस्त-सितंबर के दौरान न्यूज जॉनर के ऐड वॉल्यूम का शेयर 31 प्रतिशत रहा है और इसने जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स के शेयर (26 प्रतिशत) को पीछे छोड़ दिया है।
रजत शर्मा के अनुसार, ‘ऐडवर्टाइजर्स के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वह अपने ब्रैंड्स को किस तरह के माहौल में पेश कर रहे हैं। यहां पर क्रेडिबिलिटी, निष्पक्षता और व्युअर्स का भरोसा जुड़ा होता है।
विशेष रूप से ऐसे मामले जहां किसी की जिंदगी, गरिमा या धार्मिक भावना शामिल होती है, ब्रॉडकास्टर्स के साथ-साथ ऐडवर्टाइजर्स की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। हमारे देश में व्युअर्स लोगों को परेशान करने अथवा प्रताड़ित करने की सराहना नहीं करते हैं। कोई भी चैनल नाटकीयता का इस्तेमाल कर उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल तो हो सकता है, लेकिन यह अस्थायी ही होता है।’
रजत शर्मा का कहना था कि ऐसे चैनल्स जो पत्रकारिता के मानकों की शुचिता को बनाए रखते हैं, उन्हें उच्च कैटेगरी में रखा जाना चाहिए। एनबीए प्रेजिडेंट ने भरोसा जताया कि इस कैटेगरी के न्यूज चैनल्स के बारे में ऐडवर्टाइजर्स भी भली भांति परिचित हैं।
उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं इस बात की सराहना करता हूं कि अपने देश में ब्रैंड्स और ऐडवर्टाइजर्स ने हमेशा से बैलेंस्ड न्यूज का सम्मान और सपोर्ट किया है। जब भी न्यूज चैनल द्वारा लोगों को टार्गेट किया गया है या गलत उद्देश्यों के साथ किसी तरह का एजेंडा आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया है, उसे ऐडवर्टाइजर्स और मीडिया प्लानर्स से किसी तरह का सपोर्ट नहीं मिला है। जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने के लिए निष्पक्ष न्यूज को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।’
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