Saturday, May 4, 2024

इस्लाम को नासूर बनाने वालों का हो ऑपरेशन खात्मा : मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

** इतिहास ऐसे असमाजिक तत्वों और देश के गद्दारों को कभी माफ भी नहीं कर सकता **

नई दिल्ली (इंडिया न्यूज रिपोर्टर)। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच राजस्थान के उदयपुर में दिनदहाड़े हुई हत्या का मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कड़ा विरोध करते हुए बुधवार को सरकार से मांग की है कि घटना में शामिल आतंकियों और हैवानों को तुरंत सख्त से सख्त सजा दी जाए।

मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल और शाहिद अख्तर ने वर्चुअल बैठक में कहा कि हम सभी को धर्म, जात, समुदाय से ऊपर उठ कर नफरत को करारी शिकस्त देनी है।

साथ ही उन्होंने अपील की कि सभी शांति और भाईचारा बनाए रखें। सिर के बदले सिर किसी भी सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि मजहब के नाम पर नासूर बन चुके लोगों का ऑपरेशन खात्मा होना चाहिए क्योंकि ऐसे असामाजिक तत्वों के कारण देश के मुसलमानों और इस्लाम को कटघरे में खड़ा होना पड़ता है।

इस्लाम सलामती, भाईचारा और अमन का मजहब है इसलिए ऐसी बर्बर और क्रूर घटना को इस्लाम के नाम पर अंजाम देना इस्लाम की तौहीन है, इससे हिन्दुस्तानी और दुनिया के अमनपसंद मुसलमान भी बदनाम व शर्मसार हुए हैं जो निंदनीय एवं चिंतनीय है।

सईद ने कहा कि इतिहास ऐसे असमाजिक तत्वों और देश के गद्दारों को कभी माफ भी नहीं कर सकता जो देश के प्रधानमंत्री तक को जान से मारने की धमकी देते हों।

मीडिया प्रभारी ने बताया कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच देश और दुनिया के मौलानाओं, इमामों, मौलवियों और मुस्लिम सभ्य समाज से अपील करता है की ऐसे सभी लोगों को इस्लाम से बर्खास्त किया जाना चाहिए जो मानवता और इस्लाम के दुश्मन हैं, ऐसे लोगों को इतिहास भी कभी माफ नहीं करेगा।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक एस के मुददीन एवं अबु बकर ने कहा है कि उदयपुर की घटना किसी पागलपन से कम नहीं है जिसमें कन्हैया लाल नामक व्यक्ति की नृशंस हत्या कर घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया।

मंच का मानना है कि कोई विकृत मानसिकता का व्यक्ति ही ऐसी शर्मसार करने वाली बर्बरता पूर्ण हरकत कर सकता है। एक अन्य घटना में महाराष्ट्र के अमरावती शहर में विकृत मानसिकता देखने को आई जब एक और व्यक्ति की इसी प्रकार से हत्या कर दी गई।

महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजक शहनाज अफजाल, शालिनी अली और रेशमा हुसैन ने कहा है कि मंच इस प्रकार की सभी घटनाओं की घोर निंदा करता है।

महिला प्रकोष्ठ ने कहा कि मंच का यह मत है की ऐसी घटनाओं के कारण शांति, सलामती और भाईचारा के लिए जाना जाने वाला हमारा प्यारा मजहब तो बदनाम हुआ ही है साथ ही साथ हिन्दुस्तानी मुसलमान भी बेहद शर्मिंदा हैं।

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