Wednesday, December 4, 2024

मुश्किल में ‘कोविड हीरो’ सोनू सूद, लगे 20 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप

इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क। गंभीर कोरोना काल में लोगों के एक बड़ा मददगार बनकर उभरे मशहूर फिल्म अभिनेता सोनू सूद की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। आयकर विभाग की टीम लगातार चौथे दिन सोनू सूद के जुड़े 28 ठिकानों पर एक साथ छापे मार रही है। विभाग को छापेमारी के दौरान टैक्‍स की बड़ी हेराफेरी  के पुख्‍ता सबूत मिले हैं।

खबर है कि आयकर विभाग की टीम ने मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली और गुरग्राम में एक साथ रेड डाली है। आयकर विभाग के मुताबिक, टीम को जांच के दौरान करीब 20 करोड़ की टैक्स चोरी का पता चला है।

बता दें कि सर्च के दौरान आयकर विभाग की टीम को 1 करोड़ 8 लाख रुपये कैश बरामद हुए हैं, जबकि 11 लॉकर्स के बारे में भी पता चला है। आयकर विभाग को इस छापेमारी में टैक्‍स की बड़ी हेराफेरी के पुख्‍ता सबूत मिले हैं। टैक्‍स की हेरफेरी सोनू सूद के पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी हुई है।

अभी तक की जानकारी के मुताबिक फिल्‍मों से मिली फीस में भी टैक्‍स की बड़ी गड़बड़ी देखी गई है। इन अनियमित्ताओं के बाद अब इनकम टैक्‍स विभाग सोनू सूद की चैरिटी फाउंडेशन के अकाउंट्स की भी जांच कर रही है।

आयकर विभाग के मुताबिक एक्टर ने अपनी बेहिसाब आय को फर्जी कंपनियों के ज़रिए रूट किया है। अब तक की जांच में टीम को 20 फर्जी एंट्री का पता चला है।

21 जुलाई 2020 से अब तक एक्टर द्वारा बनाए गए चैरिटी फॉउंडेशन ने करीब 18.94 करोड़ रुपये दान के रूप में एकत्र किए, जिसमें से करीब 1.9 करोड़ रुपये कई राहत कार्यों में खर्च किए गए जबकि 17 करोड़ रुपए अब भी पड़े हुए हैं।

जांच के दौरान चला है कि एफसीआरए का उलंघन करते हुए सोनू सूद की इस चैरिटी फाउंडेशन में 2.1 करोड़ रुपए जमा किए गए।

आयकर विभाग के मुताबिक, जांच की इसी कड़ी में लखनऊ में सोनू सूद के करीबी कारोबारी की इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप के कई ठिकानों पर भी रेड की गई है। सोनू सूद ने भी इस ग्रुप के कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट किया है, जिससे हुई कमाई को छिपाने के आरोप भी उन पर लगे हैं।

तफ़्तीश में पता चला है कि ये ग्रुप भी बोगस बिलिंग के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर चुका है। आयकर विभाग की टीम ने ऐसे करीब 65 करोड़ रुपये की हेराफेरी से जुड़े कागजात बरामद किए हैं।

यह भी पता चला है कि करोड़ो रुपये का कैश और डिजिटल ट्रांसजेक्शन भी इस इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप ने किया है, जिसको एकाउंट बुक में दर्शाया नहीं गया है। 175 करोड़ रुपये इस कंपनी ने जयपुर की एक फर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप में भी इन्वेस्टमेंट दिखाकर कर चोरी की कोशिश की है।