“ग्रामीण अगरबत्ती जलाकर और प्रसाद चढ़ाकर कोरोना माता की पूजा करते हुए जल भी चढ़ाते। कोरोना माता की प्रतिमा को मास्क भी लगाया गया था। गांव के लोगों का अंधविश्वास था कि पूजा करने से कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा…
इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क। उत्तर प्रदेश के सांगीपुर थाना क्षेत्र के जूही शुकुलपुर में अंधविश्वास की वजह से बनाए गए कोरोना माता मंदिर को प्रशासन ने ढहा दिया।
प्रतिमा समेत मलबा पांच किमी दूर राजमतिपुर में गिरा दिया। मंदिर स्थापित करने वाले आरोपी के एक भाई को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
शुकुलपुर जूही गांव में कोरोना संक्रमण से तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया था। इस पर गांव के लोकेश श्रीवास्तव ने कोरोना माता का मंदिर बनाने का फैसला कर लिया। ग्रामीणों के सहयोग से चंदा एकत्र किया गया।
इसके बाद नीम के पेड़ के नीचे चबूतरा तैयार कर सात जून को कोरोना माता मंदिर की स्थापना करा दी गई। प्रतिमा के चेहरे पर मास्क भी लगा था। अंधविश्वास की वजह से बनाए गए मंदिर में ग्रामीणों के अलावा पड़ोसी गांवों से भी लोग पूजन-अर्चन के लिए पहुंचने लगे।
इस मामले में लोकेश के भाई नागेश ने पुलिस से शिकायत करते हुए बताया था कि बिना बंटवारे की जमीन पर कोरोना माता का मंदिर बना दिया गया है।
चर्चा है कि विरोध करने पर मंदिर निर्माण करने वाले लोकेश के भाई को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। रात में ही जेसीबी से मलबे के साथ प्रतिमा को पांच किमी दूर राजमतिपुर में गिरा दिया गया।
सांगीपुर थानाध्यक्ष का कहना है कि शिकायत मिली थी। जिसके चलते एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया था। कोरोना माता का मंदिर पुलिस ने नहीं हटवाया।
सांगीपुर थाना क्षेत्र के जूही शुकुलपुर में कोरोना माता का मंदिर बनाने की खबर मीडिया की सुर्खियां बनते ही दूरदराज से भी लोग वहां पूजन-अर्चन के लिए पहुंचने लगे।
जूही शुकुलपुर में बने कोरोना माता मंदिर को गिराने की लोगों को शनिवार की सुबह जानकारी मिल सकी। मौके पर लोगों की भीड़ जुटी। उन लोगों को यह भी पता चला कि पुलिस प्रशासन ने ही मंदिर को गिराया है।