“अधर इस मामले को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक बैठक चल रही है। उधर जज उत्तम आनंद का अंतिम संस्कार आज हजारीबाग में हो रहा है…
इंडिया न्यूज रिपोर्टर। झारखंड के धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद को टक्कर मारकर उनकी मौत की वजह बने ऑटो को गिरिडीह से बरामद कर लिया गया है
खबरों के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में ऑटो ड्राइवर सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों से पूछताछ चल रही है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि जज की मौत महज एक दुर्घटना है या फिर सोची-समझी साजिश के तहत उनकी हत्या की गई है।
बता दें कि बुधवार की सुबह जज उत्तम आनंद (उम्र 50 वर्ष) को ऑटो ने उस वक्त टक्कर मार दी थी जब वह मार्निंग वॉक से लौट रहे थे। न्यायाधीश गोल्फ ग्राउंड से टहल कर वापस हीरापुर बिजली ऑफिस के बगल में स्थित अपने क्वार्टर लौट रहे थे। रणधीर वर्मा चौक से चंद कदम की दूरी पर गंगा मेडिकल के सामने हादसा हुआ।पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है।
फुटेज देखने के बाद पुलिस ऑटो चालक की मंशा पर सवाल उठा रही है। शक पैदा होने पर जज के पोस्टमार्टम के लिए डीसी के आदेश पर आनन-फानन में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था।
डॉक्टरों की टीम ने देश शाम न्यायाधीश के शव का पोस्टमार्टम किया। बताया जा रहा है कि सिर में गंभीर चोट के कारण उनके कान से रक्तश्राव हो गया। ब्रेन हेम्ब्रेज से मौत की बात कही जा रही है।
जज उत्तम आनंद की मौत की जांच के आदेश झारखंड सरकार ने दिए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और धनबाद के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता ने डीसी संदीप कुमार व एसएसपी संजीव कुमार को ट्वीट कर मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने और एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तम आनन्द की मौत की परिस्थितियां संदिग्ध है। सामाजिक संस्थाओं और न्यायिक संस्थाओं ने मौत पर सवाल उठाए हैं। जांच जरूरी है।
न्यायाधीश उत्तम आनंद की पत्नी कृति सिन्हा ने धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अज्ञात के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया है। दर्ज प्राथमिकी में कृति सिन्हा ने आरोप लगाया कि यह मामला दुर्घटना का नहीं है।
वीडियो फुटेज से साफ है कि अज्ञात ऑटो के बीच वाले सीट पर बैठा अज्ञात व्यक्ति जानबूझकर ऑटो चालक के सहयोग से उनके पति के सिर पर वार किया है। जिससे उनकी मौत हो गई।
मृतक जज के रिश्तेदार अधिवक्ता विशाल आनंद उर्फ विक्की ने बताया कि पूर्व में कभी भी उत्तम आनंद को किसी प्रकार की धमकी नहीं मिली थी। पोस्टमार्टम के बाद शव को हजारीबाग शिवपुरी कॉलोनी स्थित पिता के घर ले जाया गया।
न्यायाधीश उत्तम आनंद हर दिन की तरह सुबह साढ़े चार बजे टहलने निकले थे। सुबह साढ़े आठ बजे तक जब वे घर नहीं लौटे तो उनकी पत्नी ने को मामले की जानकारी रजिस्ट्रार अर्पित श्रीवास्तव को दी।
रजिस्ट्रार ने धनबाद थाने को इस संबंध में सूचना दी। सुबह साढ़े आठ बजे उनकी तलाश शुरू हुई। किसी ने पुलिस को सूचना दी कि गंगा मेडिकल के सामने सड़क किनारे खून गिरा हुआ है। इसके बाद अस्पतालों में खोजबीन शुरू की गई तो एसएनएमसीएच में एक व्यक्ति को दुर्घटना के बाद भर्ती कराने की सूचना मिली।
पहले अस्पताल कर्मियों को संदेह हुआ कि घायल पुलिस विभाग से हैं। इसके बाद पुलिस में एसोसिएशन के लोगों ने मौके पर पहुंच कर घायल को पहचानने का प्रयास किया।
जब पुलिस ने एसएनएमसीएच में संपर्क किया तो बताया गया कि सुबह साढ़े पांच बजे किसी अज्ञात ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया था। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण सुबह नौ बजे उन्होंने अस्पताल के सर्जिकल आईसीयू वार्ड के बेड पर दम तोड़ दिया। उनके बाडीगार्ड ने उनकी पहचान की।
ऑटो की टक्कर में जान गंवाने वाले एडीजे 8 उत्तम आनंद झरिया के रंजय सिंह की हत्या के मामले की सुनवाई कर रहे थे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम संजय कुमार का स्थानांतरण हो जाने के बाद उत्तम आनंद ने पिछले साल धनबाद में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम के रूप में योगदान दिया था।
हालांकि लॉकडाउन के कारण उत्तम आनंद की अदालत में इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई थी। अदालत में यह मामला अभियोजन पक्ष के गवाह के लिए चल रहा है। इस मामले में कांग्रेस विधायक पूर्णिमा सिंह के देवर हर्ष सिंह एवं मामा उर्फ नंद कुमार के खिलाफ अभियोजन पक्ष अभी तक कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया है।
एडीजे कोर्ट के एपीपी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि दो दिन पूर्व ही अदालत ने नीरज सिंह हत्याकांड के कथित शूटर अमन सिंह एवं उसके गुर्गे अभिनव प्रताप सिंह और रवि ठाकुर की जमानत अर्जी खारिज की थी।
इसके अलावा बीसीसीएल के जीएम तथा प्रोजेक्ट ऑफिसर का मामला इसी अदालत में सुनवाई के लिए लंबित है। आरोपियों के खिलाफ कोयला चोरी से संबंधित मामला है, जिसमें जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी।
सरायढेला जमीन घोटाले से संबंधित मृत व्यक्ति को जिंदा बताकर उससे जमीन की रजिस्ट्री करवाने मामला भी इसी कोर्ट में था। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष वैभव सिन्हा के मामले का ट्रायल भी इसी कोर्ट में लंबित है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद ने धनबाद में योगदान देने के बाद दो मामलों में तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।