उद्धव और शिंदे गुट को आवंटित हो गए शिवसेना के नए नाम, चुनाव चिन्ह भी मिला

मुंबई (इंडिया न्यूज रिपोर्टर)। महाराष्ट्र में उद्धव और शिंदे गुट के बीच शिवसेना के नाम और निशान को लेकर जारी खींचतान पर चुनाव आयोग का फैसला आ गया है।

चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शिंदे गुट को बालासाहेबची शिवसेना यानी बाला साहेब की शिवसेना नाम दिया है।

इतना ही नहीं उद्धव गुट को चुनाव आयोग ने पार्टी का नया चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिया है। अब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का निशान मशाल होगा।

उद्धव गुट को चुनाव आयोग ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम दिया है। तो वहीं शिंदे गुट को बालासाहेबची शिवसेना नाम आवंटित किया है। चुनाव आयोग ने उद्धव को चुनाव चिन्ह के तौर पर मशाल का निशान आवंटित किया है।

उद्धव गुट की ओर से भेजे गए त्रिशूल और गदा के निशान को चुनाव आयोग ने बैन कर दिया है। उगता सूरज भी चुनाव आयोग की सिंबल लिस्ट में नहीं है।

वहीं शिंदे गुट ने भी त्रिशूल, गदा और उगता सूरज के तीन चिन्ह ऑप्शन के तौर पर दिये थे, जिन्हें आयोग ने खारिज कर दिया है और शिंदे गुट से चुनाव चिन्ह के लिए फिर से नये विकल्प देने को कहा है।

अब अंधेरी ईस्ट उपचुनाव के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का सिंबल मशाल होगा। मुंबई की अंधेरी ईस्ट चुनाव में उद्धव गुट अब इस नये नाम और निशान से चुनाव प्रचार में उतरेगा।

वहीं उद्धव ठाकरे गुट ने नए चुनाव चिन्ह और नई पार्टी के नाम के साथ एक पोस्टर जारी किया है। भारतीय चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को पार्टी के नाम के रूप में ‘शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)’ और उनके चुनाव चिन्ह के रूप में ज्वलंत मशाल आवंटित की है।

चुनाव आयोग की ओर से शिंदे गुट को नाम आवंटित होने का बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, “आखिरकार बालासाहेब ठाकरे के मजबूत हिंदुत्ववादी विचारों की जीत हुई। हम बालासाहेब के विचारों के उत्तराधिकारी हैं।” भारत के चुनाव आयोग ने आज शिवसेना के शिंदे गुट को ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ नाम आवंटित किया।

महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्री और एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि आज चुनाव आयोग ने जो फैसला दिया वो सबको मानना चाहिए। हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं। बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना, ये नाम हमें मिला है। बालासाहेब का नाम हमारे साथ रहेगा।

उन्होंने कहा कि एक तरफ उद्वव ठाकरे शिवसेना तो हमारी बालासाहेब की शिवसेना। हम बालासाहेब के हिंदुत्व के विचारों पर चलते हैं इसलिए बालासाहेब का नाम हमें मिला। एकनाथ शिंदे को एकतरह से बालासाहब का नाम मिलने के साथ उनका आशीर्वाद मिला है।

दीपक केसरकर ने आगे कहा कि उद्वव ठाकरे ने तो हिंदुत्व छोड़ दिया, इसलिए उनको बालासाहेब का नाम नहीं मिला। केसकर ने कहा कि हमें कल सुबह तक 3 चिन्ह देने हैं। एकनाथ शिंदे इसपर चर्चा करने के बाद कल तक निर्णय लेंगे।

एकनाथ शिंदे गुट के नेता और कैबिनेट मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि हमें बालासाहेब ठाकरे का नाम मिला है। ऊद्धव ठाकरे ने अपने नाम से पार्टी बनाई, हमारी बालासाहेब की शिवसेना है। ऊद्धव ठाकरे की उनके नाम से उद्वव ठाकरे शिवसेना। उद्वव ठाकरे के नाम में बालासाहेब है पर वो तो उनका नाम ही है।

उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे ने खुद के नाम से नहीं बल्कि बालासाहेब के नाम से पार्टी बनाई। हम बालासाहेब के सच्चे और असली वारिस हैं। हमारी शिवसेना असली है। बालासाहेब का नाम हमारे साथ है तो उसका हमें फायदा जरूर होगा।

अब्दुल सत्तार ने आगे कहा कि शिवसेना को मिले मशाल चिन्ह से हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमें तो हमारा असली धनुष बाण ही मिलेगा। कल एकनाथ शिंदे चुनाव चिन्ह तय कर चुनाव आयोग को भेजेंगे। जो चिंन्ह हमें मिलेगा, उस पर लोग हमें ही चुनेंगे।