लखनऊ (INR)। यूपी के लखनऊ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में ये याचिका दायर की गई है कि ताजमहल के बंद 22 कमरों को खुलवाकर एएसआई से जांच करवाई जाए।
याचिका में कहा गया है कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाकर एएसआई इस मामले में अपनी रिपोर्ट दे।
इस याचिका में ये दावा किया गया है कि ताजमहल के इन बंद कमरों में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। ऐसे में एएसआई पहले कमरे खुलवाए और फिर उनकी जांच करके रिपोर्ट दे।
ये याचिका डॉ रजनीश सिंह ने दायर की है और वह खुद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी होने का दावा करते हैं।
उनका मानना है कि इस मुद्दे पर स्पष्टता की जरूरत है, जिससे ताजमहल के इतिहास से संबंधित विवादों और बहसों का अंत हो सके।
एडवोकेट रुद्र विक्रम सिंह के जरिए दायर की गई याचिका में कहा गया है कि कई हिंदू समूह ये दावा काफी समय से कर रहे हैं कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है, जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था और बाद में ये ताजमहल बन गया।
वहीं इतिहास में कहा जाता है कि ये मुगल बादशाह शाहजहां की अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए प्रेम की निशानी है।