पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो)। बिहार विधानसभा में मंगलवार को पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक “बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक” सरकार के द्वारा बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में अभूतपूर्व स्थित देखने को मिली थी।
विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई। जिसके बाद ऐसी स्थिति पैदा हो गई, जिसमें सदन को शर्मशार होना पड़ा।
बिहार की राजधानी पटना की सड़क से सदन पर हंगामें की गूंज अब लोकसभा और राज्यसभा में भी सुनाई पड़ी। वहीं राहुल गांधी ने इस घटना पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर भी निशाना साधते हुए लोकतंत्र की हत्या बताया।
बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुए घटनाक्रम शांत होता नहीं दिख रहा है। प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव बुधवार को भी आक्रमक दिखे।
उन्होंने घोषणा की जबतक विधायकों की पिटाई करने वाले पुलिस और अधिकारियो के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो विपक्ष के सभी विधायक सदन का पूरे कार्यकाल का बहिष्कार करेंगे।
वहीं, बिहार से राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने मामले को राज्यसभा में उठाते हुए विपक्षी नेताओं के साथ मारपीट तथा महिला विधायकों के साथ अभद्र व्यवहार को लेकर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने बिहार विधानसभा में हुए हंगामें और विपक्ष के विधायकों की कथित पिटाई की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस को बिना वारंट के गिरफ्तारी करने की ताकत देने के प्रावधान वाला विधेयक संवैधानिक सिद्धांतो पर हमला है। बिहार में सरकार द्वारा पुलिस राज प्रथा थोपा जा रहा है।
विपक्षी दलों ने एक साझा बयान जारी कर सतारूढ़ भाजपा एवं जदयू पर तीख़ा प्रहार किया।
विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि बिहार में काले कानून के माध्यम से पुलिस को ‘एक सशस्त्र मिलिशिया’ में बदला जा रहा है ताकि सता के खिलाफ आवाज उठाने वालों का गला घोंटा जाएं।
विपक्षी नेताओं ने संवैधानिक सिद्धांतों पर हमले की निंदा करते हुए हर भारतीय से आग्रह किया कि वह लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ खड़ा रहें।
इधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मंगलवार को हुए विधान सभा में घटनाक्रम पर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नीतीश कुमार आरआरएस और भाजपा मय हो गये हैं। लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार चलाने का कोई हक नहीं है। विपक्ष फिर भी जनहित में आवाज उठाता रहेगा। हम नहीं डरेंगे।
उधर, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट करते हुए विधायकों और नेताओं की पिटाई का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि ‘तेरी तानाशाही और तेरे अत्याचार का हिसाब करेगा, आंदोलन में बहा लहू का एक एक कतरा इंसाफ करेगा, युवाओं की जवानी बर्बाद करने वाले वक्त तेरा भी गणित ठीक करेगा। बेरोजगारों पर लाठियां चलाने वाले निर्दयी ,समय युवाओं का भी आएगा।’