नई दिल्ली (इंडिया नयूज रिपोर्टर)। बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। पैगंबर मुहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद पार्टी ने उनके खिलाफ ये एक्शन लिया है। उनके विचारों को ‘विभिन्न मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत’ बताते हुए पार्टी ने कार्रवाई की बात कही है।
वहीं नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निकाल दिया गया है। नवीन कुमार जिंदल, दिल्ली बीजेपी के मीडिया हेड हैं। नूपुर शर्मा को छ साल के लिए प्राथमिक सदस्यता निलंबित किया गया है।
कार्रवाई के बाद नूपुर शर्मा ने ट्वीट किया है कि मैं मीडिया हाउस और बाकी सभी से अनुरोध करती हूं कि मेरे पते को सार्वजनिक न करें। मेरे परिवार की सुरक्षा को खतरा है।
बीजेपी की तरफ से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें नूपुर शर्मा के बयान को पार्टी के सविधान के ख़िलाफ़ बताया गया है, इसलिए पार्टी की अनुशासन समिति इस मामले में जांच पूरी होने तक नूपुर शर्मा की प्राथमिक सदस्यता निलम्बित कर दी है।
पत्र बीजेपी की अनुशासन समिति के सचिव ओम पाठक की तरफ से जारी किया गया है। एक अन्य पत्र दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता की तरफ़ से जारी किया गया है जिसमें नवीन कुमार जिंदल को सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान देने के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाता है, नवीन कुमार पेशे से पूर्व पत्रकार हैं और दिल्ली बीजेपी मीडिया सेल के हेड हैं।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए कथित विवादित बयान से मचे बवाल को शांत करने के प्रयासों के तहत रविवार को कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान स्वीकार नहीं करती।
नूपुर शर्मा के बयान से उपजे विवाद के बीच भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने एक बयान जारी कर कहा थी कि उनकी पार्टी को ऐसा कोई भी विचार स्वीकार्य नहीं है, जो किसी भी धर्म या संप्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाए।
उन्होंने कहा, ‘भाजपा न ऐसे किसी विचार को मानती है और न ही उसे प्रोत्साहन देती है।’ भाजपा की ओर से आधिकारिक तौर पर जारी किए गए इस बयान में किसी घटना या बयान का उल्लेख नहीं है। उ
ल्लेखनीय है कि शर्मा के बयान को लेकर मुस्लिम समाज में रोष है। सिंह ने कहा, ‘भारत की हजारों वर्षों की यात्रा में हर धर्म पुष्पित व पल्लवित हुआ है। भाजपा सर्व पंथ समभाव को मानती है। भाजपा किसी भी धर्म के पूजनीयों का अपमान स्वीकार नहीं करती।’
उन्होंने कहा कि देश के संविधान की भी भारत के प्रत्येक नागरिक से सभी धर्मों का सम्मान करने की अपेक्षा है।
सिंह ने कहा, ‘आजादी के 75वें वर्ष में, इस अमृत काल में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को निरंतर मजबूत करते हुए, हमें देश की एकता, अखंडता और देश के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी है।’
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