नई दिल्ली (इंडिया न्यूज रिपोर्टर)। सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को चार महीने की कैद के साथ दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की रकम जमा नहीं करने पर दो महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने आदेश में विदेश में ट्रांसफर किए गए 40 मिलियन डॉलर चार हफ्ते में चुकाने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। 10 फरवरी को कोर्ट ने विजय माल्या को अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम मौका दिया था।
24 जनवरी को कोर्ट ने कहा था कि दोषी का प्रत्यर्पण हो या नहीं, सजा पर फैसले के लिए और इंतजार नहीं होगा। दोषी अपने वकील के माध्यम से पक्ष रख सकता है।
कोर्ट ने कोर्ट की मदद करने के लिए वरिष्ठ वकील जयदीप गुप्ता को एमिकस नियुक्त किया था। सुनवाई के दौरान विदेश मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि माल्या के प्रत्यर्पण की कार्यवाही अंतिम चरण में है।
31 अगस्त 2020 को अवमानना के मामले में दोषी करार देने के फैसले के खिलाफ विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को विजय माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई, 2017 को डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर बच्चों के अकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का ब्यौरा न देने के लिए दोषी माना था।
विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में इसी फैसले की समीक्षा की मांग करते हुए रिव्यू पिटीशन दायर की थी। माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की है।
माल्या ने भारत में अपनी संपत्ति जब्त करने के लिए ईडी की ओर से शुरू की गई कार्रवाई के खिलाफ याचिका दाखिल की है। पुनर्विचार याचिका लंबे समय तक जजों के सामने नहीं लगी थी जिसकी वजह से कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री से भी जवाब मांगा था।
- पीएम मोदी ने नए संसद की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक सिंह स्तंभ का यूं किया अनावरण
- विमान से मंहगा हो गया है रेलगाड़ी का सफर, हवाई जहाज में सफर हो गया आसान
- श्रीलंका: आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति घर छोड़कर भागे, प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा, भीड़ ने घर फूंका
- कौन भड़का रहा है कांग्रेस के अंदर की असंतोष की आग को !
- कुल्लूः गहरी खाई में गिरी छात्रों से भरी बस, अब तक 16 शव बरामद