सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार शुक्रवार को कुछ ऐसा हुआ, जिससे पूरा देश चौंक गया। सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने आज अचानक से प्रेस कांफ्रेंस की।
जस्टिस जे चेलामेश्वर जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ऐसा पहली बार हुआ कि भारत का सुप्रीम कोर्ट के जजों ने मीडिया से बात की।
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि यह एक अद्भुत मौका है। कम से कम भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। कुछ वक्त से सुप्रीम कोर्ट की एडमिनिस्ट्रेशन वो काम नहीं कर रही है जो उसे करना चाहिए।
जस्टिस ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारी कोशिशें फेल हो गई हैं। जब तक हम जरूरी सवालों के जवाब नहीं देंगे तब तक डेमोक्रेसी सुरक्षित नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि 2 महीने से जो हालात हैं उनकी वजह से हमें आज ये प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है। हम देश की जनता को सबकुछ बताना चाहते हैं।
जजों ने प्रेस कांफ्रेस में मीडिया से क्या कहा…..
पिछले दो माह के हालात के वजह से पीसी, न्यायपालिका की निष्ठा पर सवाल उठे हैं।
हम चीफ जस्टिस को समझा नहीं पाए, मुख्य न्यायाधीश पर देश करे फैसला, दीपक मिश्रा हैं चीफ जस्टिस
अगर हम अब भी नहीं बोले तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा, देश के लोकतंत्र के लिए जजों की स्वतंत्रता जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन सही तरीके से काम नहीं कर रहा। चीफ जस्टिस को हमने लिखी हैं चिट्ठी। चिट्ठी सार्वजानिक करेंगे।
चीफ जस्टिस से अनियमितता पर की थी बात। खतरे में है लोकतंत्र।
हमने अपनी आत्मा बेच दी है, कल कोई ऐसा नहीं करे।