INR. से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सांसदी का चुनाव लड़ रहे बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है।
चुनाव आयोग ने यादव से बुधवार को दोपहर तक बीएसएफ से नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी एनओसी मांगा था। वे सपा के प्रत्याशी थे।
निर्वाचन अधिकारी की दो नोटिसों का जवाब देने के लिए वे अपने वकील के साथ रिटर्निग आफिसर से मिलने पहुंचे, जहां उन्हें जानकारी मिली कि उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है।
तेज बहादुर ने अपने दो नामांकन पत्रों में से एक में अपनी बर्खास्तगी की जानकारी नहीं दी थी। आयोग ने उन्हें नोटिस देकर बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाणपत्र लाने को कहा था।
अभी यह पता नहीं चल सका कि वे यह एनओसी ला पाए थे या नहीं। आयोग ने कहा कि जो सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त किया जाता है, उसे पांच साल तक चुनाव में भाग लेने का अधिकार नहीं होता।
उल्लेखनीय है कि बीएसएफ में नौकरी के दौरान तेज बहादुर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर 2017 में एक पोस्ट डाली थी, जिसमें उसने सैनिकों को खराब खाना दिए जाने का मुद्दा उठाया था।
वीडियो में उसने अपना टिफिन दिखाते हुए कहा था कि जवानों को जली रोटी और पतली दाल मिलती है। उन्हें भूखा भी सोना पड़ता है। तेज बहादुर की उम्मीदवारी जनप्रतिनिधित्व कानून के सेक्शन नौ के तहत रद्द की गई है।
इस पोस्ट के बाद तेज बहादुर को बीएसएफ ने बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्तगी के बाद तेज बहादुर ने वाराणसी से चुनाव लड़ने का एलान किया था।
एलान के मुताबिक उसने बनारस आकर अपना पर्चा दाखिल भी किया। इस बीच महागठबंधन की सपा ने उसे अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।
माना जा रहा था कि तेजबहादुर गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में मोदी को कड़ी टक्कर देंगे। लेकिन ऐसा कुछ होने की संभावना बुधवार की दोपहर खत्म हो गई, जब आयोग ने उसकी उम्मीदवारी ही रद्द कर दी।
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